युवाओं में राष्ट्रभक्ति के प्रति और अधिक आकर्षण बढ़े एवं उन्हें रोजगार मिले तथा राष्ट्र को जरूरत के वक्त सैन्य रूप से सुरक्षा बल मिल सके। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार ने अग्निपथ योजना लागू करने का निर्णय लिया है किन्तु विपक्षी दलों ने इस योजना के विरुद्ध युवाओं को खूब भड़काया।
दरअसल, आजकल देखने में आ रहा है कि केन्द्र सरकार कोई भी योजना ला रही है, तो उस योजना के बारे में पूरी तरह जाने-समझे बिना विपक्ष उसमें पलीता लगाने के काम में लग जा रहा है। दरअसल, शुरुआती दौर में यदि किसी योजना में किसी प्रकार की कोई कमी होती भी है तो उसमें सदैव सुधार की गुंजाइश बनी रहती है।
भारतीय सेना को आधुनिक जरूरतों के मुताबिक तैयार करने के लिए अग्निपथ योजना को बेहद सकारात्मक रूप में लेना चाहिए। इस योजना को जैसे-जैसे जमीनी स्तर पर लाया जायेगा, उसमें जो भी कमियां होंगी धीरे-धीरे दूर होती जायेंगी किंतु विपक्ष की मानसिकता तो सिर्फ विरोध के लिए विरोध की होती है।
विपक्ष ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जिस प्रकार युवाओं को भड़काने एवं गुमराह करने का कार्य किया है, उसे कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता है।
– हिमांशु सिंह, आजमगढ़ (यू.पी.)
सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना ठीक नहीं
देश में किसी भी समस्या को लेकर जब भी कोई विरोध-प्रदर्शन होता है तो इसमें इस बात का ध्यान रखना नितांत आवश्यक है कि वह हिंसक न हो तथा किसी भी रूप से सरकारी या किसी की भी निजी संपत्ति को हानि न पहुंचाई जाये किन्तु हाल-फिलहाल के कुछ विरोध-प्रदर्शनों में देखने को मिला है कि सरकारी एवं निजी संपत्ति को बबार्द करने का काम हुआ है।
इस प्रकार की जब भी कोई स्थिति आती है तो अराजक तत्व अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं जबकि इस प्रकार की हरकतों को किसी भी रूप में जायज नहीं ठहराया जा सकता है। जो लोग इस प्रकार की हरकतें करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
– सोनू मिरोठा, दरियागंज (दिल्ली)