
Barog - A Quiet Get-Away In The Lap Of The Himalayas
बड़ोग एक छोटा सा हिल स्टेशन है। यह चंडीगढ़-शिमला हाईवे पर स्थित है। चंडीगढ़ से 60 किलोमीटर दूर, विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव बन गया है। अंग्रेजों के जमाने में साहेब-मेमसाहेब यहां कुछ घंटे का ब्रेक लेकर चाय नाश्ता करते थे। इस रास्ते में यह सबसे सुंदर स्टेशन भी है। हल्के गुलाबी फूलों से सजा यहां का रास्ता भी लुभावना है।
बड़ोग का नाम ब्रिटिश सेना में एक कर्नल के नाम पर रखा गया था जो एक रेलवे इंजिनियर थे। 1903 में एक अपरंपरागत तरीके से कर्नल बड़ोग ने सुरंग की खुदाई शुरू की थी। समय बचाने के लिए उन्होंने पर्वत के दोनों ओर से खुदाई करने का आदेश दिया लेकिन गणना गलत होने के कारण टनल के दोनों सिरे आपस में नहीं मिले।
ब्रिटिश सरकार ने उन पर एक रूपए का जुर्माना लगाया, जिस अपमान को वह सह नहीं पाए और उन्होंने आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद टनल बनाने का शेष काम रेलवे के प्रमुख इंजीनियर एचएस हर्रिनटन द्वारा किया गया। अब यह टनल कालका-शिमला रेलवे मार्ग पर बनी 102 सुरंगों में से सबसे लंबी और सीधी है।

आप शिमला की यात्रा करते समय चंडीगढ़ से 60 किलोमीटर की दूरी पर कालका-शिमला हाईवे पर स्थित बड़ोग में रुक सकते हैं। दिल्ली से इसकी ड्राइव छह घंटे की है। बड़ोग की ‘चूर चांदनी चोटी’ यहां का मुख्य आकर्षण है। पर्यटन के कुछ अन्य स्थान दगशाई, विशाल शिव मंदिर, दोलांजी बोन मठ और रेणुका झील हैं।
वे यात्री जो रेल से यात्रा करना चाहते हैं वे बड़ोग रेलवे स्टेशन तक टिकट आरक्षित करवा सकते हैं। पर्यटक दिल्ली, चंडीगढ़, चैल, कसौली, सोलन और शिमला से बस द्वारा भी यहां तक पहुंच सकते हैं। यह समय इस स्थान की यात्रा के लिये उत्तम है।
गांव तक पहुंचने के लिए आपको पतली पगडंडियों से गुजरना पड़ता है। पहाड़ी से नीचे उतर कर जो मजा वहां के गरम समोसे, छोले भठूरे और अदरक की चाय पीने में आता है वह और शायद कहीं नहीं।
– अमृता भिंडर