
Delhi Patrakaar Sangh (DJA)
आज भारत के पास अपना स्वदेशी मीडिया नहीं है. और आज जो मीडिया भारत में हमें दिख रहा है और काम कर रहा है यह तो पश्चिमी एजेंट है. इस वर्तमान मीडिया में अधिकतर एजेंट सीधे सीधे अपना अजेंडा चलाते हैं जबकि कुछ मीडिया घराने और मीडियाकर्मी अपने उसी पश्चिमी अजेंडे को सरकारों के माध्यम से आम जनता पर थोपते हैं.
आज भारत के पास भी अपना ऐसा स्वदेशी मीडिया होना चाहिए जो हमारे समाज का ज्ञान रखे, “मूल धर्म” और “मातृभूमि” यानी “मूल भूमि” के बारे में सोचे और हमारे “संस्कारों” “मान्यताओं” तथा “प्राचीन सभ्यता” और “प्राचीन संस्कृति” को भी समझे तथा भारत के हीतों का ध्यान रखते हुए उसी के आधार पर कार्य करे और राजनेताओं के बीच रहकर भी राजनीति से दुरी बनाकर रखे.
पश्चिमी और अरेबियन देशों के पास आज उनके अपने अपने ऐसे मीडिया हैं जो स्वदेशी होने के साथ साथ सरकारों के चुंगल से भी मुक्त हैं. इसीलिए वे निष्पक्ष होकर कार्य करते हैं और दुश्मन देशों के साथ भी मुक़ाबला करने में देश की सहायता करते हैं.
– अजय चौहान
#एकम_सनातन_भारत