
Announcement of MCD election in Delhi 2022
राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनाव को लेकर सरगर्मियां आजकल जोरों पर हैं। लगातार तीन बार से निगम की सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी ने निगम में चैथी पारी खेलने के लिए 16 अक्टूबर को रामलीला मैदान में ‘पंच परमेश्वर सम्मेलन’ के माध्यम से चुनावी बिगुल बजा दिया है और भाजपा को पूर्णरूप से विश्वास है कि दिल्लीवासी चैथी बार भी उसे ही मौका देंगे। भविष्य में क्या होगा, यह तो वक्त ही बतायेगा किन्तु इतना निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा के हौंसले बेहद बुलंद हैं।
ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित पंच परमेश्वर सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे.पी. नड्डा ने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि कार्यकर्ता निगम एवं केन्द्र सरकार की उपलब्धियों को जनता तक ले जायें और बतायें कि चैथी बार भी भाजपा का ही साथ दें। मुझे यह बात कहने में जरा भी संकोच नहीं है कि पंच परमेश्वर सम्मेलन से कार्यकर्ताओं में उत्साह और अधिक बढ़ा है। चुनावों की दृष्टि से यदि मूल्यांकन किया जाये तो जहां दिल्ली में पहले 272 वार्ड थे, अब 250 हो चुके हैं। जहां पहले दिल्ली में तीन निगम थे, अब एक हो चुका है। वार्डों का रोटेशन भी हो चुका है। चुनाव आयोग की भी तैयारियां फाइनल स्टेज में हैं।
भारतीय जनता पार्टी यदि यह कह रही है कि वह चैथी बार भी सत्ता में आ रही है तो उसके पीछे कुछ ठोस आधार भी हैं। दिल्ली सरकार द्वारा नगर निगम को पर्याप्त धनराशि न दिये जाने के बावजूद निगम में भाजपा सरकार ने बहुत बेहतरीन कार्य किया है। पिछले लगभग सात सालों में राजनैतिक द्वेष के चलते केजरीवाल सरकार ने अपने ही वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने के बावजूद निगमों को जो फंड देना चाहिये था, उसका आधा ही प्रतिवर्ष दिया जिसके कारण आज तक भी लगभग तेरह हजार करोड़ रुपये निगमों का बकाया है।
विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद नगर निगम ने स्मार्ट क्लासेस शुरू की लगभग 15,000 पार्कों को हरा-भरा बनाकर ओपेन जिम बनाये, कोरोना काल में निगम के 9 बड़े अस्पतालों के माध्यम से सेवा की। दिल्ली स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त रहे, इसके लिए आॅटो, कचरा काॅम्पेक्टर मशीनें, ॅंेजम जव म्दमतहल च्संदज लगाये गये। इसके उलट यदि दिल्ली सरकार की बात की जाये तो शराब घोटाला, शिक्षा में कमरों के निर्माण का घोटाला, वक्फ बोर्ड घोटाला सहित तमाम घोटालों से आम जनता में आम आदमी पार्टी की छवि खराब हो चुकी है।
भ्रष्टाचार में डूबे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन जेल में बंद हैं, परिवहन मंत्री डीटीसी घोटाले के कटघरे में हैं। जल बोर्ड का घोटाला कितना बड़ा है, यह बात तो पूरी दिल्ली जानती है। इन्हीं सारे घोटालों को ढकने के लिए दिल्लीवासियों के मेहनत के करोड़ों रुपये दिल्ली सरकार ने विज्ञापनों में उड़ा दिया।
भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता अकसर कहा करते हैं कि ‘भाजपा राजनीति नहीं, सेवा नीति’ के मार्ग पर चलती है। इसी बात को ध्यान में रखकर पार्टी ने निगम चुनावों के लिए ध्येय वाक्य बनाया है कि ‘सेवा ही विचार, नहीं खोखले प्रचार।’ कार्यों एवं उपलब्धियों की दृष्टि से मूल्यांकन किया जाये तो दिल्ली वासियों की सेवा में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। दिल्ली में लगभग 3 करोड़ 70 लाख मुफ्त वैक्सीन लगवाई गयी, दिल्ली के लगभग 78 लाख राशन कार्ड धारियों को कोरोना काल से मार्च 2022 तक मुफ्त राशन दिये गये, ईस्टर्न व वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे बनाकर दिल्ली से होकर जाने वाले प्रति दिन लगभग 60,000 वाहनों को रोक कर दिल्ली के जानलेवा प्रदूषण को 60 प्रतिशत तक कम किया गया, धौला कुआं फ्लाई ओवर व दिल्ली-मेरठ हाइवे बनाकर दिल्लीवासियों को जाम व प्रदूषण से मुक्ति दिलाई गई।
दिल्ली में लगभग 350 जन औषधि केन्द्र खोले गये, जहां सभी दवाइयां 50 से 80 प्रतिशत तक सस्ती मिलती हैं, कोरोना महामारी के बीच महिलाओं के जनधन खाते में तीन बार 500 रुपये देकर मदद की गई, रेहड़ी, पटरी, खोमचे छोटे दुकानदारों को 10 हजार रुपये स्वनिधि योजना के तहत कम ब्याज पर लोन देकर मजबूत एवं आत्मनिर्भर किया गया, 1731 अनधिकृत काॅलोनियों को अधिकृत कर 60 लाख लोगों को मालिकाना हक दिलाया गया। केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली सरकार को यमुना नदी की सफाई के लिए 2419 करोड़ रुपये दिये गये, फेम इंडिया योजना के अंतर्गत मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार को फेस-प् में 300 इलेक्ट्रिक बसें और फेस प्प् में 921 इलेक्ट्रिक बसें सरकार को आवंटित की है, जिसमें 247 बस दिल्ली सरकार को मिल चुकी है।
अभी हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक कर और उसकी माली हालात सुधारने हेतु ‘समृद्धि योजना’ लागू करने की घोषणा की गई है, जिसके तहत दिल्ली के अधिकतर लोगों को दशकों से चल रहे संपत्ति कर एवं वाद-विवाद से बहुत बड़ी राहत मिलने जा रही है। सभी प्रकार के ब्याज, जुर्माना या कुछ वर्षों से पहले की देय राशि से मुक्ति मिल जायेगी। इस योजना का दिल्ली वालों ने बढ़-चढ़ कर स्वागत किया है और सराहा है। इस प्रकार यदि देखा जाये तो दिल्ली में भाजपा सरकार के जनोपयोगी कार्यों की एक लंबी फेहरिस्त है, चाहे वह दिल्ली नगर निगम के माध्यम से हुई हो या फिर केन्द्र सरकार के द्वारा।
उपलब्धियों की दृष्टि से यदि दिल्ली सरकार की बात की जाये तो स्पष्ट रूप से देखने में मिलता है कि वह सिर्फ विज्ञापन वाली सरकार बन कर रह गई है। दिल्ली सरकार ने सभी को प्रति माह 20 हजार लीटर फ्री पानी देने की बात कही थी जबकि यह योजना सिर्फ मीटर कनेक्शन उपभोक्ताओं के लिए है और उनमें से 75 प्रतिशत से अधिक को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके विपरीत दिल्ली को शराब नगरी बनाने के भरपूर प्रयास के साथ दिल्लीवासियों को शराब पीने की व्यापक स्तर पर आदत डाल दी है।
दिल्ली सरकार दावा करती है कि दिल्ली में छात्रों को वल्र्ड क्लास शिक्षा सुविधा मिल रही है जबकि वास्तविकता यह है कि 90 प्रतिशत स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं हैं और 45 प्रतिशत शिक्षकों के पद खाली हैं। 500 नये स्कूल खोलने का सपना दिखाने वाली सरकार ने नये स्कूल खोलना तो दूर की बात खुले स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज करके लगभग 40 स्कूल कम कर दिये हैं। सरकारी शिक्षा व्यवस्था 2013 के स्तर से भी नीचे चली गई है।
पूरे देश में आम आदमी पार्टी दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाओं का ढिंढोरा पीटती है जबकि वास्तविकता यह है कि 2015 से अब तक केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में एक भी नया अस्पताल नहीं बनाया और न ही पहले से बन रहा कोई अस्पताल पूरा कर चालू करवाया। मोहल्ला क्लीनिक 1000 के बदले 400 ही चल रहे हैं और उनमें से अधिकांश में दवाइयों एवं डाक्टरों की कोई सुविधा नहीं है। इस प्रकार देखा जाये तो विकास एवं कार्यों की दृष्टि से दिल्ली सरकार पूरी तरह फिसड्डी साबित हुई है, सिर्फ विज्ञापनबाजी के सहारे अपना अस्तित्व बचाने में लगी हुई है।
चुनावों की दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी राजधानी दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता के नेतृत्व में पूरी तरह तैयार है। भाजपा ने अपनी चुनाव संचालन समिति की घोषणा भी कर दी है। भाजपा के कार्यकर्ता बहुत ही शीघ्र नगर निगम एवं केन्द्र सरकार की उपलब्धियों को लेकर घर-घर संपर्क के लिए जाने वाले हैं। घर-घर जाकर अपनी उपलब्धियों को बताने के साथ-साथ कार्यकर्ता दिल्ली सरकार की नाकामियों से भी जनता को अवगत करायेंगे। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि पंच परमेश्वर सम्मेलन के माध्यम से भाजपा ने चुनावी बिगुल बजा दिया है और इस चुनावी समर में उसे कामयाबी जरूर मिलेगी।
– हिमानी जैन